समय के साथ-साथ हर क्षेत्र में बदलाव आता रहता है उसी बदलाव का प्रभाव भी निवेश के क्षेत्र में देखने को मिलता है जिसकी वजह से पारम्परिक तरीके के साथ डिजिटल तरीके से भी निवेश होने लगा है। आज हम निवेश में शुरुआत करने वालों के लिए Demat Account (डीमैट अकाउंट )के बारे में चर्चा करेंगे कि कैसे यह निवेश और ट्रेड के लिए एक प्रमुख कारकों में से एक बन गया है। जिसके बिना ऑनलाइन निवेश असम्भव है।

डीमैट अकाउंट क्या है ?What is a Demat Account ?
डीमैट अकाउंट इलेक्ट्रॉनिक अकाउंट होता है जिसमें आपके शेयर, बांड्स, म्यूच्यूअल फंड्स आदि डिजिटल रूप में रहते हैं। इसके फलस्वरूप आपको शेयर या अन्य निवेश को खरीदने के बाद किसी दस्तावेज की आवश्यकता नहीं रहती है आपके निवेश की सारी जानकारी आपके डीमैट आकउंट में जमा रहती है और खरीद बेच भी अच्छे और सुरक्षित ढंग से होती है। डीमैट अकाउंट किसी बैंक खाते की तरह ही काम करता है बस इसमें पैसो की बजाय आपका निवेश होता है।
डीमैट अकाउंट Dematerialization Account का छोटा स्वरूप है। इसकी शुरुआत सन 1996 में नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के लिए की गयी थी क्योंकि निवेशक जितनी बार भी शेयर या अन्य निवेश खरीदता था तो उसको हर बार उसका प्रमाण-पत्र बनवाना पड़ता था। इसके साथ निवेश करना पहले की अपेक्षा काफी आसान हो गया था। साल 2019 में सेबी (SEBI ) ने नियम बनाया सभी कंपनियों को अपने शेयर या अन्य प्रतिभूतिओं डीमैट के रूप में रखना होगा।
शेयरधारकों को अगर अपने शेयर से भी अनुरोध किया गया कि वह भी Demat Account (डीमैट अकाउंट ) खोलें ताकि शेयरों को liquidity (तरलता ) से बचाया जा सके। यह संशोधन धोखाधड़ी और हेर – फेर से बचने के लिए किया गया था. अगर आप शेयर बाजार में निवेश करना चाहते हैं तो इसके लिए डीमैट अकाउंट होना आवश्यक है।
डीमैट अकाउंट कैसे खोलें ?How To Open Demat Account ?
डीमैट अकाउंट एक डिपाजिटरी प्रतिभागी (Depository Participant या DP )के साथ खोला जा सकता है। डी पी आपके और Depository NSDL (डिपाजिटरी एनएसडीएल )या Central Depository Service (India ) Limited ( सेंट्रल डिपाजिटरी सर्विस के बीच में दलाल का काम करता है।
इसके लिए आपको आवश्यक दस्तावेज़ भरने होंगे और DP के साथ डीमैट खाता खोलना होगा। खाता खुलने के बाद आप अपने भौतिक शेयरों के प्रमाणपत्र अपने डीमैट खाते में स्थान्तरित कर सकते हैं। और आप इसकी सहायता से खरीदारी और बिक्री कर सकते हैं।
डीमैट अकाउंट खोलने के मुख्य चरण :-
- सबसे पहले आपको डिपाजिटरी प्रतिभागी (DP ) ढूँढना है जो डीमैट अकाउंट खुलवाता हो। यह सेवा आपका बैंक या कोई वित्तीय संस्था या कोई दलाल (Broker ) भी प्रदान कर सकता है।
- एक बार जब आपने DP ढूँढ लिया तो उसके बाद आपको एक आवेदन पत्र भरना होगा और आवश्यक दस्तावेज़ जमा करने होंगे। जिसमे आपके पहचान और पते के प्रमाण पात्र होंगे जैसे आपका बिजली का बिल , ड्राइविंग लाइसेंस , वोटर कार्ड या पासपोर्ट आदि हो सकते हैं।
- जब आपके दस्तवेज़ों की पुष्टि हो जायेगी तो आपका खाता स्वीकृत हो जाने के बाद DP आपके डीमैट अकाउंट को सक्रिय कर देगा और खाता धारक को खाता नंबर (Client ID ) देगा।
आवश्यक दस्तावेज़ (Required Documents )
डीमैट अकाउंट (Demat Account ) खोलने के लिए आपको कई आवश्यक दस्तावेज़ चाहिए होते हैं जिनकी सहायता के बिना आप अकाउंट नहीं खोल सकते हैं अब हम उन्ही दस्तावेज़ों के बारे में बात करेंगे।
- पहचान पत्र :जिन दस्तावेज़ों से आपकी पहचान की पुष्टि होती है और उनकी एक सत्यापित प्रति आपको जमा करवानी होती है और यह आपका आधार कार्ड ,पासपोर्ट , ड्राइविंग लाइसेंस , वोटर आईडी पैन कार्ड आदि हो सकते हैं।
- पते का प्रमाण: डीमैट खाता खोलने के लिए आपको अपने पते का प्रमाण भी देना होता है जिसके लिए आप अपना आधार कार्ड , बिजली का बिल, पासपोर्ट, राशन कार्ड, ड्राइविंग-लाइसेंस आदि की सत्यापित प्रति जमा करवानी होगी।
- पासपोर्ट साइज फोटो : आपको फॉर्म में लगाने के लिए 2 पासपोर्ट साइज की फोटो की आवश्यकता होगी।
- बैंक अकाउंट प्रमाण : नवीनतम बैंक खाते की स्टेटमेंट जहां पर आपका नाम और खाता नंबर हों। रद्द किया हुआ चैक हस्ताक्षर सहित जिससे आपका डीमैट अकाउंट बैंक से लिंक होगा
- पैन कार्ड :डीमैट अकाउंट (Demat Account ) खोलने के लिए पैन कार्ड अनिवार्य होता है।
डीमैट अकाउंट के प्रकार (Types Of Demat Account )
- Regular Demat Account (रेगुलर डीमैट खाता ): यह एक साधारण अकाउंट होता है जिसको सिर्फ भारतीय नागरिक खोल सकते हैं और शेयर मार्किट में निवेश कर सकते हैं और यह बैंक अकाउंट से जुड़ा हुआ होता है।
- Repatriable Demat Account (रिपैट्रिएबल डीमैट खाता): यह अकाउंट भारत से बहार बसने वाले भारतियों (NRIs) के लिए होता है जो भारतीय बाजार में निवेश करके मुनाफा कमा कर धन विदेश में स्थानांतर करते हैं। या खता खोलने के लिए आपको एक NRE (Non-Resident External) बैंक अकाउंट की आवश्यकता होती है।
- Non-Repatriable Demat Account (नॉन- रिपैट्रिएबल डीमैट खाता): यह अकाउंट भी बाहर बसने वाले भारतीय नागरिकों (NRIs) के लिए होता है यह खाता उनको भारत में निवेश की अनुमति तो देता है पर धन को विदेश में स्थानांतर करने की अनुमति नहीं देता है और इसके लिए आपको NRO (Non-Resident Ordinary) बैंक अकाउंट की आवश्यकता होती है।
- Basic Service Demat Account (बेसिक सर्विस डीमैट अकाउंट ): यह अकाउंट छोटे निवेशकों के लिए उपयुक्त रहता है जो ज़्यादा धन निवेश में नहीं लगाना चाहते हैं यदि निवेश की पूंजी 50,000 रुपये से कम है तो कोई शुल्क नहीं देना होता है अगर यह निवेश पूंजी 50,000 रूपए से 200,000 रुपये है तो इस पर कुछ शुल्क देना होता है।
डीमैट अकाउंट शुल्क (Demat Account Fees )
डीमैट अकाउंट खोलने के लिए आपको कुछ शुल्क देना होता है। इसकी फीस अलग अलग हो सकती है यह आपके सेवा -प्रदाता संस्था या कम्पनी पर निर्भर करता है।
- अकाउंट खोलने का शुल्क – जब आप अपना डीमैट आकउंट खोलते हैं तो आपको इसके लिए कुछ शुल्क देना पड़ता है। कई कंपनियां या दलाल निशुल्क अकाउंट खोलने की सेवा प्रदान करते हैं।
- वार्षिक रख-रखाव शुल्क – आपके अकाउंट की देख रेख के लिए आपको शुल्क देना होता है और यह वार्षिक होता है। यह 300 से 800 रूपये तक प्रतिवर्ष हो सकता है अगर आप छोटे निवेशक हैं और आपका अकाउंट बेसिक( BSDA ) है तो आपका वार्षिक शुल्क माफ़ हो सकता है।
- लेन-देन शुल्क –जब आप अपने अकाउंट से लेन-देन करते हैं तो आपको इस पर शुल्क देना होता है। DP के सेवा शुल्क आपके शेयर या अन्य निवेश खरीदने -बेचने के शुल्क से अलग होते हैं। कुछ DP हर महीने अपने लेन देन के शुल्क लेते हैं। खरीद और बेच पर शुल्क अलग अलग हो सकता है।
- सुरक्षा शुल्क – Demat account की शुरुआत होने से पहले निवेशकों अपने निवेश के दस्तावेज़ को स्वयं ही संभालना पड़ता था। डीमैट आकउंट आने के बाद सब दस्तावेज़ DP द्वारा ही सुरक्षित किये जाते हैं जिनके एवज में निवेशक को कुछ शुल्क डिपाजिटरी भागीदार (Depository Participant ) को हर महीने देना होता है।
डीमैट अकाउंट के फ़ायदे (Benefits Of Demat Account )
डीमैट अकाउंट का होना निवेशक के लिए काफी फायदेमंद होता है जिसकी चर्चा हम नीचे करेंगे।
- सुरक्षित – डीमैट अकाउंट आने के बाद निवेश के दस्तावेज़ संभालना काफी आसान हो गया है इसकी वजह से शेयर प्रमाण-पत्र के खोने, चोरी होने या खराब होने का खतरा नहीं है। यह ऑनलाइन सुरक्षित रहते हैं।
- आसान भंडारण (Easy Storage )- इसमें आप अपने जितने चाहे निवेश को रख सकते हैं और उसको संभाल कर सकते हैं।
- आसान स्थानान्तर – इसमें आप अपने शेयर आसानी से और काम समय में स्थानान्तर कर सकते हैं।
- कम लागत –डीमैट अकाउंट आपके रख रखाव की खर्चे को काम करता है इससे आपकी स्टाम्प ड्यूटी , हैंडलिंग आदि के लिए पारम्परिक तरीके से सस्ता पड़ता है।
- कॉर्पोरेट लाभ –आप को जब निवेश में से कोई लाभ जैसे डिविडेंड्स, ब्याज आदि प्राप्त होता है बिना झंझट के सीधा आपके डीमैट अकाउंट आ जाते हैं।
- कम कागज़ी कार्यवाही – डीमैट अकाउंट कागज़ी कार्यवाही को काफी हद्द तक कम करता है। आपको दस्तावेज़ को भौतिक रूप से रखने की ज़रुरत नहीं हैं।
डीमैट अकाउंट के नुक्सान (Cons Of Demat Account )
हमने ऊपर डीमैट अकाउंट के फायदों के बारे में चर्चा की है। फायदों के साथ साथ इसके कुछ नुक्सान भी होते हैं हलांकि यह फायदों की अपेक्षा कम है पर फिर भी हमको इसके बारे में ध्यान रखना चाहिए।
- शुल्क और फीस –जब हम डीमैट अकाउंट बनाते हैं तो इस पर हमको कुछ शुल्क देने पड़ते हैं। जो छोटे निवेशकों के लिए एक अन्य खर्च जुड़ जाता है।
- धोखधड़ी का खतरा –हलांकि डीमैट अकाउंट काफी सुरक्षित होते हैं फिर भी ऑनलाइन धोखाधड़ी का खतरा रहता है अगर इसको पूरी तरह से सुरक्षित ना रखा जाए।
- नए निवेशकों के जटिलता – कई बार नए निवेशकों के लिए डीमैट अकाउंट काफी जटिल हो सकते हैं जैसे कई तरह के शुल्कों को समझना और संभालना।
- तकनीकी समस्या –कई बार सेवा प्रदान करने वाली कम्पनी की तरफ से तकनीकी समस्या और कोई गड़बड़ हो तो असुविधा हो सकती है जैसे आप कोई आर्डर न दे पाएं या फिर लेन -देन में देरी हो सकती है
डीमैट अकाउंट (Demat Account ) खोलने से पहले ध्यान दें
हमने डीमैट अकाउंट के बारे में काफी विस्तृत चर्चा की है और जाना है यह कैसे काम करता है। इसको खोलने से पहले आपको कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। जिनकी चर्चा हम नीचे करेंगे।
- रिसर्च –अकाउंट खोलने से पहले आपको रिसर्च करना चाहिए कि किस कम्पनी या दलाल की सेवायें कैसी हैं। किसी प्रतिष्ठित दलाल और कम्पनी को चुनें। उसके ग्राहकों के रिव्यु देखे और उनकी ग्राहक सेवा कैसी है यह भी जानना आवश्यक है।
- शुल्क या फीस –Demat Account खोलने से पहले शुल्क या फीस को अच्छी तरह से समझ लें ताकि बाद में आपको कोई समस्या ना आए।
- कस्टमर सपोर्ट– यह ध्यान रखें कि आप जिस कम्पनी या दलाल के साथ अकाउंट खोलने जा रहें हैं उनकी ग्राहक सेवा कैसी है। अगर उसकी सेवा अच्छी नहीं है तो आप कहीं और पता कर सकते हैं।
- सुरक्षा – आप अकाउंट खोलने से पहले यह जान लें जिनके साथ आप अकाउंट खोलने जा रहें है उनकी सुरक्षा कैसी है क्या वह कम्पनी या दलाल आपके अकाउंट को सुरक्षित रखने में सक्षम है ? आपका निजी डाटा सुरक्षित रहेगा।
- उपयोग में आसान –आप अकाउंट खोलने से पहले यह भी ध्यान रखें कि आप जिस मंच का उपयोग करने का विचार कर रहें हैं तो क्या वह मंच यूजर फ्रेंडली है या नहीं। ताकि आपको खरीद – बेच करने में कोई समस्या ना आए।
निष्कर्ष (Conclusion )
आधुनिक समय में Demat Account निवेशकों के लिए अति महत्वपूर्ण हो गया है क्योंकि इसकी सहयता से वह अपने शेयरों या अपने अन्य निवेश को डिजिटल रूप में एक साथ रख सकता है। इसने सुरक्षा के मानको को भी बढ़ा जिससे आपके दस्तावेज़ों आदि के चोरी होने , नष्ट होने या फिर गुम होने की चिंता से मुक्त कर दिया है। कुछ खर्चों और ऑनलाइन संभावित जोखिमों के बाद भी डीमैट अकाउंट कमियों की अपेक्षा फायदे ज़्यादा हैं। यह निवेश को डिजिटल बना कर पारम्परिक निवेश से ज़्यादा आसान और सुरक्षित बनाता है।
Note – यह पोस्ट जानकारी हेतु है। हम किसी को वित्तीय सलाह नहीं देते हैं अगर आपको किसी वित्तीय सलाह की आवश्यकता है तो आप किसी पेशेवर व्यक्ति या संस्था की सेवा ले सकते हैं।